Top News

सुबह खाली पेट सिर्फ 3 नीम की पत्तियाँ… शरीर में ऐसे बदलाव आएंगे कि खुद हैरान रह जाएंगे
5 ऐसे खाने जो खून बिजली की तरह बढ़ाते हैं – डॉक्टर भी सलाह देते हैं
अगर आप अपने माँ–बाप को लंबा स्वस्थ जीवन देना चाहते हैं तो रोज़ ये सब्ज़ी जरूर खिलाएँ
अदरक की चाय पीने के नुकसान: किन लोगों को नहीं पीनी चाहिए?
खाली पेट घी खाने के फायदे और नुकसान – वैज्ञानिक फैक्ट्स व घरेलू गाइड
एसिडिटी के घरेलू उपाय: कारण, लक्षण, वैज्ञानिक
लस्सी पीने के फायदे: दादी की कहानी से सीखें स्वास्थ्य के राज़
घन्ना
मौसंबी का जूस – सिर्फ स्वाद नहीं, सेहत का खजाना!
हल्दी के फायदे – स्वास्थ्य, त्वचा और बालों के लिए प्राकृतिक चमत्कार

आख़िरी कॉल, कुएं में दबा सच–भाग 2

सिमरन जब होश में आई, तो खुद को हवेली की रसोई में ज़मीन पर पड़ा पाया। उसके माथे पर पट्टी थी, और पास में एक बूढ़ी औरत बैठी थी — सांवली, झुर्रीदार चेहरा, पर आंखों में कोई अजीब चमक।

"बेटी, तुम मरते-मरते बची हो… उस कुएं को यूं ही नहीं बंद किया गया था,"



वो बोली।

"आप कौन हैं?" सिमरन ने डरते हुए पूछा।

"मैं गोमती हूँ… तेरी नानी की बचपन की सहेली। 30 साल तक इस हवेली की देखभाल की है। लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिन्हें खोलने से खून बहता है…"

सिमरन ने सवाल दोहराया — "उस कुएं में क्या है?"

गोमती ने एक पुराना पेंडेंट निकाला — उसमें वही तीसरा चेहरा था, जो फोटो में मिटाया गया था।

नाम लिखा था: "सतीश राय"

"ये सतीश… तुम्हारे नाना नहीं थे। वो तुम्हारी माँ की मजबूरी थे। नानी के ज़ोर पर तुम्हारी मम्मी की शादी उनसे हुई थी, लेकिन..."

गोमती की आंखें भर आईं —

"…लेकिन सतीश ने एक राज़ देखा था उस कुएं में, जो आज भी वहीं दफ़न है।"

सिमरन ने बिना देर किए उस कुएं की लकड़ी हटा दी, और नीचे उतरने के लिए टॉर्च व रस्सी का सहारा लिया।

कुएं के नीचे गंध थी… पर उससे भी ज़्यादा था डर।

नीचे एक पुराना संदूक मिला। खोलने पर उसमें एक कंकाल था — और एक चिट्ठी।

"अगर तुम ये पढ़ रहे हो, तो समझो मेरी मौत सतीश राय के हाथों हुई। मैंने हवेली के तहखाने में एक कैमरा छुपाया था, जिसमें असली हत्यारा रिकॉर्ड हुआ है…"

आखरी कॉल भाग 3 देखने के लिए क्लिक करें

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ