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अंधेरी गली का रहस्य — भाग 1: काली रात की पुकार


बारिश की तेज़ बूँदें पुरानी कोठी की जंग लगी खिड़कियों से टकरा रही थीं। सड़कों पर सन्नाटा था। पूरा शहर एक रहस्यमयी चादर ओढ़े सो रहा था। मगर उस रात, एक गली थी जो जाग रही थी—काली गली।

रुचि के हाथ काँप रहे थे। नीले दुपट्टे में लिपटी, वह डरते हुए हर कदम रख रही थी। उसके हाथ में एक चिट्ठी थी—जिस पर स्याही से लिखा था:

"अगर सच जानना चाहती हो, तो रात 12 बजे 'काली गली' में आ जाना। अकेली।"

अंधेरी गली का रहस्य — भाग 1: काली रात की पुकार


अंधेरी गली का रहस्य — भाग 1: काली रात की पुकार


चिट्ठी उसके तकिए के नीचे मिली थी। किसने रखी थी? कैसे? रुचि को नहीं पता था। बस एक अजीब सा डर उसके भीतर बैठा था, जो उसे इस गली तक खींच लाया था।

उसकी माँ की एक बात याद आ रही थी:

"हमारा अतीत जितना शांत दिखता है, उतना है नहीं..."

गली में चलते हुए उसे लगा कोई उसे देख रहा है। एक पल के लिए वह रुक गई। उसके दिल की धड़कनें तेज़ हो गईं। पलटकर देखा — कोई नहीं था।

"रुचि…"

पीछे से किसी ने उसका नाम लिया।

रुचि ने तेजी से पलटकर देखा। अंधेरे में एक परछाईं नजर आई। एक लंबा आदमी, सिर से पाँव तक काले कपड़ों में लिपटा हुआ।

"कौन हो तुम?" रुचि ने हिम्मत जुटाकर पूछा।

आदमी ने जेब से एक चमचमाती बैज निकाला। बैज पर सुनहरे अक्षरों में लिखा था —

"खोज ब्यूरो — रहस्यों की रक्षा"।

"मेरा नाम अर्जुन है," वह धीमे से बोला, "मैं तुम्हें तुम्हारी माँ के अतीत के बारे में बताने आया हूँ। लेकिन हमें जल्दी करना होगा। कोई तुम्हारा इंतजार कर रहा है..."

रुचि को समझ नहीं आ रहा था कि वह भरोसा करे या नहीं।

"माँ के बारे में? लेकिन माँ तो... माँ तो बस एक साधारण औरत थी!"

अर्जुन ने हल्की मुस्कान दी — एक दर्दभरी मुस्कान।

"तुम्हारी माँ साधारण नहीं थी, रुचि। वो खोज ब्यूरो की सबसे बेहतरीन एजेंट थी। उसने एक ऐसा रहस्य छुपाया था जिसे जानने के लिए कई लोग अपनी जान देने को तैयार हैं।"

रुचि का सिर घूमने लगा।

"लेकिन... लेकिन उन्होंने कभी कुछ नहीं बताया!"

"कुछ सच्चाइयाँ बताने से ज्यादा छुपाना जरूरी होता है," अर्जुन ने गहरी आवाज में कहा।

बारिश और तेज हो गई थी।

रुचि को अब ठंड से ज्यादा अपने डर का एहसास हो रहा था।

"चलो मेरे साथ," अर्जुन ने हाथ बढ़ाया, "वरना बहुत देर हो जाएगी।"

रुचि ने झिझकते हुए उसका हाथ थाम लिया।

दोनों अंधेरे गलियों में आगे बढ़ने लगे। सड़कों पर अब भी सन्नाटा था, लेकिन रुचि को लग रहा था कि हर मोड़ पर कोई छिपा है। हर दीवार के पीछे कोई उसकी घात में बैठा है।

यह रात सिर्फ बारिश की नहीं थी। यह रात एक रहस्य के जागने की थी।

अर्जुन उसे एक पुराने चर्च के खंडहरों में लेकर आया।

वहाँ एक लोहे का दरवाज़ा था, जिस पर जंग लगी हुई थी।

"यहाँ?" रुचि ने आश्चर्य से पूछा।

"यही वो जगह है जहाँ तुम्हारी माँ ने आखिरी बार कदम रखा था," अर्जुन ने धीरे से कहा।

दरवाज़ा चरमरा कर खुला। अंदर अंधेरा था। अर्जुन ने एक छोटी टॉर्च जलाई और दोनों अंदर चले गए।

भीतर दीवारों पर धुंधले से निशान थे। एक जगह दीवार पर एक नाम खुदा हुआ था:

"सरस्वती"।

रुचि की आँखों में आँसू भर आए।

"माँ का नाम..."

"हाँ," अर्जुन ने कहा, "और तुम्हें यहीं से शुरुआत करनी होगी।"

रुचि ने कांपते हाथों से दीवार को छुआ।

तभी एक खटका हुआ। कोई पास में था!

"छिपो!" अर्जुन ने फुसफुसाते हुए कहा।

दोनों तेजी से एक पुराने फर्नीचर के पीछे छिप गए।

कुछ परछाइयाँ दरवाज़े से भीतर घुसीं। उनमें से एक आदमी की गहरी आवाज गूंज उठी:

"उसे ढूंढो। वह यहाँ कहीं है।"

रुचि का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसने अर्जुन की ओर देखा। अर्जुन ने आँखों से इशारा किया — चुप रहो!

सांस रोके, रुचि ने खुद को दीवार से चिपकाया।

उसका मन कर रहा था भागने का, चीखने का — लेकिन वो जानती थी, एक गलती सबकुछ खत्म कर सकती थी।

परछाइयाँ पास आती रहीं।

एक साया तो इतना पास था कि रुचि उसकी साँसों की गर्माहट महसूस कर सकती थी।

"माँ," रुचि ने मन ही मन बुदबुदाया,

"अगर आप मुझे देख रही हैं... तो मुझे ताकत देना।"

कुछ पल बाद वे परछाइयाँ दूर चली गईं।

अर्जुन ने रुचि को इशारा किया और दोनों धीरे-धीरे बाहर निकलने लगे।

बाहर आकर रुचि ने अर्जुन से सवाल किया:

"ये लोग कौन थे?"

अर्जुन ने गहरी साँस ली।

"तुम्हारी माँ ने जो राज छुपाया था, उसे पाने के लिए दुनिया भर के खतरनाक लोग पीछे पड़े हैं। और अब... वो राज सिर्फ तुम्हारे पास है।"

रुचि का चेहरा सख्त हो गया।

"मैं डरूँगी नहीं।"

अर्जुन मुस्कुराया।

"यही तुम्हारी माँ का खून है।"

बारिश अब रुक चुकी थी। लेकिन रुचि जानती थी, असली तूफान अब शुरू होने वाला था।

धन्यवाद!

अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो, तो अगले भाग का इंतजार जरूर करें।

कमेंट में बताइए आपको सबसे रहस्यमयी सीन कौन सा लगा।

अंधेरी गली का रहस्य — भाग 2: देखने के लिए यहां क्लिक करें

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